धीरेन्द्र अस्थाना
आया मौसम प्यार का...' जी हां दोस्तों प्यार भरा मौसम आ चुका है। जहां हर तरफ सब कुछ नया-नया है, मन में नई उमंगे, दिल में नए जज्बे, विचारों में नयापन, पेड़ों पर नई कोपलें यह सभी मानो नई ऋतु का स्वागत कर रहीं हों। वसंत ऋतु को तो शास्त्रों में भी प्यार का मौसम कहा गया है। हवाओं में हल्का सा सर्दपन लिए हुए यह मौसम अपने आप ही हमारे मन में एक अलग सी अनुभूति भर देता है।
आया मौसम प्यार का...' जी हां दोस्तों प्यार भरा मौसम आ चुका है। जहां हर तरफ सब कुछ नया-नया है, मन में नई उमंगे, दिल में नए जज्बे, विचारों में नयापन, पेड़ों पर नई कोपलें यह सभी मानो नई ऋतु का स्वागत कर रहीं हों। वसंत ऋतु को तो शास्त्रों में भी प्यार का मौसम कहा गया है। हवाओं में हल्का सा सर्दपन लिए हुए यह मौसम अपने आप ही हमारे मन में एक अलग सी अनुभूति भर देता है।
इस मौसम में हमारा मन प्यार में खो जाने का, अपनी अलग रंगीन दुनिया बसाने का और प्यार में ही मर मिट जाने को लालायित होने लगता है। कोयल की मधुर आवाज, फूलों की महक, हर तरफ छाया प्यार का खुमार यकायक ही हमें हमारे प्रिय की याद दिलाने लगता है और अगर हमारे जीवन में अब तक कोई खास नहीं है तो उस खास के मिलने की आस जगाने लगता है।
हर साल इसी मौसम में सबसे ज्यादा प्रेमी युगल अपने रिश्तों को नया आयाम देते हुए शादी के खूबसूरत बंधन में बंध जाते हैं और ऐसा होना भी लाजमी है क्योंकि इस मौसम की हवाओं में भी प्यार ही बसता है तो फिर लोगों के दिलों में प्यार ही प्यार होना स्वाभाविक सी बात है। पूरे विश्व में मनाया जाने वाला प्यार का त्योहार वेलेंटाइन डे भी इसी मौसम में आता है।
एक-दूसरे की बांहो में बांहों डाले हुए अपनी ही दुनिया में मशगूल प्रेमी जोड़ों को देखना अपने आप में एक सुखद अनुभुति है। इन्हें देखकर यूं लगता है मानो समाज में बुराई, नफरत, जलन, ईर्ष्या इन जैसी चीजों के लिए तो कोई जगह ही नहीं बची है बस सब के ऊपर प्यार की खुमारी छाई हुई है, लेकिन यह सब सिर्फ हमारी सोच तक ही सीमित रह जाता है असल जिंदगी में तो इसका ठीक उल्टा ही होता दिखाई देता है।
अक्सर युवा इसी प्यार की खुमारी में अपनी हदें पार कर बैठते हैं। कई अपनी हवस को प्यार समझ लेते हैं और गुनाह के दलदल में कदम रखने से भी खुद को रोक नहीं पाते। वे भूल जाते हैं कि प्यार कोई खेल नहीं है जिसमें कोई हार-जीत हो। प्यार तो महज एक अहसास है जो कब, कहां, किसके लिए जाग जाए यह पता ही नहीं चलता। इस अहसास में सब-कुछ अच्छा लगने लगता है, सारी दुनिया रंगीन नजर आने लगती है। हमें तो बस प्यार का नशा होने लगता है।
प्यार में होना या प्यार करना कोई गुनाह नहीं है बस प्यार के जोश में अपने होश खो देना गलत है। आज युवाओं को जरुरत है इस मूलमंत्र को अपने दिल-ओ-दिमाग में बैठा लेने की ताकि वे इस हसीन अहसास का पूरा लुत्फ उठा सकें और प्यार को बदनाम होने से बचा सकें।
तो दोस्तों बस इस बात को ध्यान में रखकर आप भी प्यार भरे इस मौसम में अपनी भावनाओं को बहने दीजिए, अपने दिल में प्यार को घर करने दीजिए और अपने प्यार के साथ भरपूर आनंद लीजिए इस खास मौसम का जो सिर्फ आपके और आपके प्यार के लिए है।