सुरभित हवा.. खिलते फूल व लहलहाते खेत। मौसम में बदलाव बताता है कि ऋ तुराज बसंत ने दस्तक दे दी है । यह ऐसा पर्व है, जिसके नाम से ही हर तरफ उमंग और उल्लास छा जाता है। यह खास दिन विद्या की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती के पूजन के लिए होता है। इस दिन लोग पीले वस्त्र पहनते हैं। हल्दी व केसर से बने व्यंजन खाते हैं। इस पर्व को लोग अपने तरीके से मनाते हैं। कहीं मां की प्रतिमा की स्थापना होती हैं, तो कहीं, संगीत संध्या। काफी लोग इस दिन को संकल्प दिवस के रूप में मनाते हैं। इस बार भी शहर में तरह- तरह के आयोजन हो रहे हैं। मूर्तिकारों ने एक से बढ़कर एक मां की प्रतिमाएं गढ़ी हैं। घरों में पकवान बनाए गए हैं। |
माल में खरीदारी की समझदारी का रखे ध्यान
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*धीरेन्द्र अस्थाना *
चमचमाती भव्य बहुमंजिली इमारतों की सजी-धजी दुकानों में खरीदारी का
एक अलग अंदाज और आनंद होता है। यहां गृहणियों के लिए ...