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अफसरों की कमी से सीबीआइ जांच अटकी

Sunday 15 July 2012

अधिकारियों की कमी के कारण उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले की जांच अटक गई है। सीबीआइ न तो उन मामलों की जांच आगे बढ़ा पा रही है, जिनमें पहले से एफआइआर दर्ज है और न ही नई एफआइआर दर्ज कर पा रही है। सीबीआइ ने उत्तर प्रदेश सरकार से जांच में मदद के लिए लगभग एक दर्जन अधिकारियों की मांग की थी। लेकिन अभी तक एक अधिकारी ही एजेंसी को मिल पाया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एनआरएचएम घोटाले में लगभग 14 नई एफआइआर दर्ज करने की सख्त जरूरत है। इसकी पूरी तैयारी भी कर ली गई है। लेकिन केवल अधिकारियों की कमी के कारण एफआइआर दर्ज नहीं की जा रही है। उनके अनुसार एफआइआर दर्ज करने के बाद आरोपियों के ठिकानों पर छापे के साथ-साथ उनसे पूछताछ और संबंधित दस्तावेजों की छानबीन शुरू करनी होगी। इन सब कामों के लिए समर्पित अधिकारियों की जरूरत होती है। जांच एजेंसी के पास मौजूद अधिकारियों पर पहले से ही काफी बोझ है और उन्हें नए मामले देने से पुराने मामलों की जांच पर असर पड़ सकता है। एनआरएचएम घोटाले में सीबीआइ 14 एफआइआर पहले ही दर्ज कर चुकी है और इनमें कई में चार्जशीट भी हो चुकी है। लेकिन अन्य मामलों की जांच बीच में रुकी पड़ी है। वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश की नई सरकार को सत्ता में आते ही सीबीआइ ने साफ कर दिया था कि एनआरएचएम घोटाले की बारीकी से और निष्पक्ष जांच के लिए राज्य के अधिकारियों की मदद की जरूरत होगी। इसके लिए राज्य सरकार को आठ इंस्पेक्टर और चार डीएसपी स्तर के अधिकारी उपलब्ध कराने को कहा गया था। चार माह में केवल एक अधिकारी ही सीबीआइ को मिला है। यही कारण है कि एजेंसी इतने बड़े घोटाले में आगे और हाथ डालने के लिए फिलहाल तैयार नहीं है। अधिकारियों की कमी के कारण ही सीबीआइ ने अभी तक रणवीर सेना के प्रमुख बरमेश्वर मुखिया की हत्या की जांच की जिम्मेदारी नहीं ली है। इसके लिए भी सीबीआइ बिहार सरकार से अधिकारियों की मांग कर रही है। अधिकारी ने स्पष्ट कर दिया कि राज्य सरकारें केवल जांच की सिफारिश कर अपने दायित्व से मुक्त नहीं हो सकती है। उन्हें मामले की निष्पक्ष और गहराई से जांच सुनिश्चित कराने के लिए सीबीआइ की मदद भी करनी होगी। सीबीआइ लंबे समय से अधिकारियों और स्टाफ की कमी की शिकायत करती रही है। राज्यों से समुचित सहयोग न मिलना भी उसके लिए परेशानी भरा रहा है।

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