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आधुनिक करवा चौथ व्रत

Friday 14 October 2011

पत्रकार धीरेन्द्र अस्थाना 


पति की लंबी आयु की कामना मन में लिए करवा चौथ व्रत करने वाली महिलाएं दिन भर निर्जला रहने के पश्चात शाम को थाली पूजन के बाद तारों की छांव में हाथों में जल लेकर रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पति के चरण स्पर्श कर उनके हाथों से जल व भोजन ग्रहण करेंगी। लेकिन वर्तमान में बदलते समय के साथ-साथ परंपराओं और त्योहारों के स्वरूप में भी परिवर्तन आया है। अब करवा चौथ भावना के अलावा रचनात्मकता, कुछ-कुछ प्रदर्शन और आधुनिकता का भी पर्याय बन चुका है। 

मिनटों में रचेगी मेहंदी :

                             वार-त्योहार पर हाथों में सुंदर मेहंदी रचाना भी हमारी परंपरा का ही एक हिस्सा है। ऐसे में समय की कमी के चलते या अन्य कामों में व्यस्त रहने के कारण कई बार मेहंदी रचाने की फुर्सत नहीं मिल पाती। वहीं हर बार मेहंदी लगाने के लिए किसी प्रोफेशनल का समय मिल पाना भी मुश्किल होता है। कोई बात नहीं… इसके लिए भी विकल्प उपलब्ध हैं। 
बड़े मॉल्स से लेकर फुटपाथ की छोटी दुकानों तक पर आपको मिनटों में हाथ मांड़ने वाले मिल जाएंगे। इनमें केवल महिलाएं ही नहीं, युवक भी शामिल होते हैं और कुछ ही मिनटों में ये आपकी मनचाही डिजाइन हाथ पर उकेर देते हैं। अगर इसके लिए भी समय न मिले तो आप बाजार में उपलब्ध टैटू का प्रयोग भी कर सकती हैं। 
ज्वेलरी-ड्रेस की एडवांस बुकिंग :

                                       सुंदर दिखने के लिए ब्यूटी पार्लर की बुकिंग तो खैर पहले भी महिलाएं करवाती ही थीं। अब इसमें किराए की ज्वेलरी तथा ड्रेसेस की एडवांस बुकिंग करवाने वालों की संख्या भी बढ़ गई है। समय की कमी के चलते कामकाजी महिलाएं तो यह कर ही रही हैं, बिना झंझट और कम बजट में कुछ अलग दिखने की चाहत के शौक के चलते गृहिणियां भी इस सुविधा का लाभ उठा लेती हैं। 
इससे एक तो आप हर बार अलग ज्वेलरी तथा ड्रेस पहनने का मजा ले सकती हैं, दूसरे सिर्फ एक बार पहनकर अलमारी में रख देने वाले कपड़ों की देखरेख का झंझट पालने से बच जाती हैं। इसलिए अब करवा चौथ के कई दिनों पहले से पार्लर में मेकअप और फेशियल आदि के साथ ज्वेलरी और लहंगे आदि की भी बुकिंग कर ली जाती है। 
पति दे रहे पत्नी का साथ:

                                 पतिदेव के दिल की ये भावना भी आजकल मन से बाहर अभिव्यक्त होने लगी है। पहले जहां 1-2 प्रतिशत लोग पत्नी का साथ देने के लिए करवा चौथ का व्रत रखते थे। अब इसका प्रतिशत काफी बढ़ गया है। यही नहीं चूंकि पति जानते हैं कि इस पूरे दिन पत्नी बिना कुछ खाए-पिए उनके लिए भूखी रहेगी तथा घर और ऑफिस के काम भी पूरे करेगी, वे इस दिन अपने खाने के लिए बाहर इंतजाम कर लेते हैं, घर के कामों में पत्नी की मदद कर देते हैं और भावनात्मक तौर पर उनके प्रति अपना आभार भी प्रकट करते हैं। 
गिफ्ट का बढ़ता चलन :

                             करवा चौथ जैसे त्योहार पर पति-पत्नी द्वारा एक-दूसरे को उपहार देने का भी चलन है। जाहिर है कि ये उपहार वाला मामला भावनाओं से जुड़ा होता है। आजकल इसमें भी कुछ नए तरीके जुड़े हैं। उपहारों के लिए नई दुकानें और मॉल्स उपलब्ध हैं ही। अब पति-पत्नी एक-दूसरे को ज्वेलरी, कपड़ों या एक्सेसरीज के अलावा प्रॉपर्टी, मेडिकल या लाइफ इंश्योरेंस, एफडी, देश-विदेश की यात्रा के पैकेज, गाड़ी तथा फाइव स्टार होटल्स के डिनर वाउचर जैसे उपहार भी देने लगे हैं। यह उपहार भविष्य को समझदारी से प्लान करने के लिहाज से भी उपयुक्त होते हैं। 
होटल्स में करवा चौथ का आयोजन :

                                            आजकल जब हर चीज बड़े पैमाने पर करने का प्रचलन चल पड़ा है तो त्योहार भला कैसे पीछे रह सकते हैं। इसलिए करवा चौथ जैसे त्योहार भी बड़े पैमाने पर किसी होटल या विशेष आयोजन स्थल पर किए जाने लगे हैं, लेकिन इसे आप फिजूलखर्ची से नहीं जोड़ सकते, क्योंकि ऐसे आयोजन अधिकांशतः समूह में किए जाते हैं, जहां खर्चे बांट लिए जाते हैं और किसी एक पर पूरा भार नहीं आता। हां, अकेले खर्च करने वाली धनाढ्य महिलाएं भी होती हैं, लेकिन उनका प्रतिशत कम होता है। इस तरह के आयोजनों से एक पंथ, कई काज सार्थक हो जाते हैं। जैसे, साथ मिलकर त्योहार मनाने का मजा, सीमित खर्च में अच्छी सुविधाओं का लाभ, बिना टेंशन के सारा आयोजन हो जाने की सुविधा आदि। मुख्य तौर पर महिला संगठनों तथा समूहों में इस तरह के आयोजन किए जाते हैं। 
मेहंदी बिना अधूरा करवा चौथ 
                                    पूरे
 साज-श्रृंगार के साथ मेहंदी के बिना करवाचौथ का व्रत अधूरा माना जाता है। शादी के समय की तरह ही इस व्रत में महिलाएं दोनों हाथों में मेहंदी लगवाती हैं। व्रत से एक रात पहले ही मेहंदी लगवा ली जाती है, ताकि व्रत वाले दिन परेशानी न हो। कामकाजी महिलाओं के लिए यह थोड़ा मुश्किल होता है, चूंकि दफ्तर से लौटने के बाद फिर वह रात में जाकर मेहंदी लगवाती हैं जिसे सुखाने में थोड़ी परेशानी होती है। करवाचौथ व्रत के एक सप्ताह पहले से ही मॉल और घर के आस-पास मेहंदी की दुकाने सज जाती हैं और दाम भी दुगने हो जाते हैं। 
हां, थोड़ा पहले मेहंदी लगवा लेंगी तो हो सकता है कुछ कीमत कम रहे लेकिन व्रत से एक दिन पहले तो मुंह मांगी कीमत मिलती है। अरेबियन मेहंदी से लेकर राजस्थानी मेहंदी आदि सभी ट्रेंड्स अपनाए जाते हैं। कुछ महिलाएं इस दिन भी मेहंदी में अपने पति का नाम छुपाकर लिखवाती हैं और फिर अपने पति से उसे ढूंढने के लिए कहती हैं।

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