धीरेन्द्र अस्थाना
रायपुर में निर्मल बाबा के खिलाफ अन्धविश्वाश और ठगी को लेकर जाँच शुरू हो गयी है। एक व्यक्ति ने पुलिस को शिकायत की है कि टीवी पर निर्मल बाबा का विज्ञापन देखने के दौरान जो उपाय और विधियां वो बता रहे थे उस पर उसने अमल किया लेकिन उससे कोई फायदा नही हुआ। यही नहीं इस शक्स ने निर्मल बाबा पर उसकी धार्मिक आस्था पर ठेस लगाने का आरोप भी जड़ा है।
उस व्यक्ति ने बताया कि उसने अपने बैग से दस रूपये की नई गड्डियाँ निकालकर घर के लॉकर में रख दी, उस दौरान उसने निर्मल बाबा के द्वारा बताई जा रही सारी बातों का अनुसरण भी किया लेकिन रकम जस की तस रही। ना तो उसमें दुगनी वृद्धि हुई और ना ही चौगुनी, जैसा की बावा दावा कर रहे थे। यही नहीं बाबा के कहने पर उसने अपने घर से शिवलिंग भी निकालकर बाहर रख दिया लेकिन कोई असर नही हुआ।
चमत्कारी निर्मल बाबा के कथित चमत्कार पर काशी के विद्वानों और धर्म गुरुओं ने कहा की इनका चमत्कार जनता को ठगने और छलने बाला चमत्कार है, इन्हें तत्काल जेल में डाल देना चाहिये ताकि भोली भाली जनता को छलने और ठगने से बचाया जा सके।
लखनऊ के गोमतीनगर थाने में दो बच्चों, तान्या (कक्षा बारह) और आदित्य (कक्षा दस) का मानना है कि निर्मल बाबा नाम से चर्चित धार्मिक गुरु द्वारा तमाम लुभावने वादों से आम आदमी को ललचाने का काम किया जा रहा है और एक व्यक्ति द्वारा देश के लाखों लोगों को धर्म का भय और झूठी महत्ता दिखा कर उन्हें बेवकूफ बना कर धोखाधड़ी की जा रही है।
इन दोनों बच्चों ने निर्मल बाबा के खिलाफ 417, 419, 420 तथा 508 आईपीसी में मुकदमे के लिए एक प्रार्थनापत्र थाना गोमतीनगर में स्वयं ले जा कर दिया है। गोमती नगर थाने मे निर्मल बाबा के खिलाफ शिकायत दर्ज हो गयी है। हालांकि अभीतक एफआईआर दर्ज नही की गयी है लेकिन बच्चों की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू करने की बात कही है। ये दोनों य़ूपी कैडर के आईपीएस अमिताभ ठाकुर के बच्चे है और इनकी मां नूतन ठाकुर एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। इनका माना है कि बाबा समाज मे अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहें हैं, लिहाजा इसपर अंकुश लगना चाहिये।
मध्य प्रदेश के नरसिंगपुर जिले में इन दिनों थर्ड आई निर्मल बाबा का प्रभाव पूरे इलाके में जोरों पर है. लोग धनवान होने और कृपा प्राप्त करने के लिए आतुर है बाबा का कहना है कि पैसा रखने वाले स्थान पर दस रुपये के नये नोट की गड्डी रखना चाहिए, भक्त नये नोटों की तलाश में लग गये है।
दूसरी बात बाबा का कहना है कि जेब में नया पर्स रखा करों और किसी से कहते हैं कि नया बेल्ट लगाया करों और मेरी फोटो पैसा रखने के स्थान पर रखो, तुम धनवान बन जाओगे लेकिन बाबा खुले दरबार से कहते हैं कि जो तुम्हारे पास पैसा आयेगा उसमें से दस प्रतिषत मेरे एकाउंट में डालना तभी फायदा होगा। अंधे भक्त बाबा के सभी आदेशों का पालन कर रहे है बड़ी तादाद में फोटो बिक रहीं है, लोग नये-नये पर्स और बेल्ट ले रहे है। क्या किसी की फोटो और नये पर्स बेल्ट लगाने से कोइ धनवान हो सकता है। अध्यात्म गुरु और लाखो भक्तो का आस्था का बिंदु बने निर्मल बाबा आज भले ही गुरु की उपाधि ले लिए है मगर यही निर्मल बाबा की कर्म भूमि झारखंड के गढ़वा जिला से भी जुड़ा हुआ है।
झारखंड के वरिष्ठ राजनेता इंदर सिंह नामधारी वैसे तो निर्मल बाबा के करीबी रिश्तेदार हैं लेकिन उनके कारनामों से जरा भी इत्तेफाक नहीं रखते। मीडिया दरबार से हुई बातचीत में नामधारी ने साफ कहा कि वे निजी तौर पर कई बार उन्हें जनता की भावनाओं से न खेलने की सलाह दे चुके हैं।
नामधारी ने स्वीकार किया कि निर्मल बाबा उनके सगे साले हैं। उन्होंने यह भी माना कि वे शुरुआती दिनों में निर्मल को अपना करीयर संवारने में खासी मदद कर चुके हैं। मीडिया दरबार को उन्होंने बताया कि उनके ससुर यानि निर्मल के पिता एस एस नरूला का काफी पहले देहांत हो चुका है और वे बेसहारा हुए निर्मल की मदद करने के लिए उसे अपने पास ले आए थे। निर्मल को कई छोटे-बड़े धंधों में सफलता नहीं मिली तो वह बाबा बन गया।
लेखक लखनऊ से प्रकाशित हो रहे हिंदी अवधनामा के युवा पत्रकार है, इनसे dheerendraasthana @gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है ।
रायपुर में निर्मल बाबा के खिलाफ अन्धविश्वाश और ठगी को लेकर जाँच शुरू हो गयी है। एक व्यक्ति ने पुलिस को शिकायत की है कि टीवी पर निर्मल बाबा का विज्ञापन देखने के दौरान जो उपाय और विधियां वो बता रहे थे उस पर उसने अमल किया लेकिन उससे कोई फायदा नही हुआ। यही नहीं इस शक्स ने निर्मल बाबा पर उसकी धार्मिक आस्था पर ठेस लगाने का आरोप भी जड़ा है।
उस व्यक्ति ने बताया कि उसने अपने बैग से दस रूपये की नई गड्डियाँ निकालकर घर के लॉकर में रख दी, उस दौरान उसने निर्मल बाबा के द्वारा बताई जा रही सारी बातों का अनुसरण भी किया लेकिन रकम जस की तस रही। ना तो उसमें दुगनी वृद्धि हुई और ना ही चौगुनी, जैसा की बावा दावा कर रहे थे। यही नहीं बाबा के कहने पर उसने अपने घर से शिवलिंग भी निकालकर बाहर रख दिया लेकिन कोई असर नही हुआ।
चमत्कारी निर्मल बाबा के कथित चमत्कार पर काशी के विद्वानों और धर्म गुरुओं ने कहा की इनका चमत्कार जनता को ठगने और छलने बाला चमत्कार है, इन्हें तत्काल जेल में डाल देना चाहिये ताकि भोली भाली जनता को छलने और ठगने से बचाया जा सके।
लखनऊ के गोमतीनगर थाने में दो बच्चों, तान्या (कक्षा बारह) और आदित्य (कक्षा दस) का मानना है कि निर्मल बाबा नाम से चर्चित धार्मिक गुरु द्वारा तमाम लुभावने वादों से आम आदमी को ललचाने का काम किया जा रहा है और एक व्यक्ति द्वारा देश के लाखों लोगों को धर्म का भय और झूठी महत्ता दिखा कर उन्हें बेवकूफ बना कर धोखाधड़ी की जा रही है।
इन दोनों बच्चों ने निर्मल बाबा के खिलाफ 417, 419, 420 तथा 508 आईपीसी में मुकदमे के लिए एक प्रार्थनापत्र थाना गोमतीनगर में स्वयं ले जा कर दिया है। गोमती नगर थाने मे निर्मल बाबा के खिलाफ शिकायत दर्ज हो गयी है। हालांकि अभीतक एफआईआर दर्ज नही की गयी है लेकिन बच्चों की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू करने की बात कही है। ये दोनों य़ूपी कैडर के आईपीएस अमिताभ ठाकुर के बच्चे है और इनकी मां नूतन ठाकुर एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। इनका माना है कि बाबा समाज मे अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहें हैं, लिहाजा इसपर अंकुश लगना चाहिये।
मध्य प्रदेश के नरसिंगपुर जिले में इन दिनों थर्ड आई निर्मल बाबा का प्रभाव पूरे इलाके में जोरों पर है. लोग धनवान होने और कृपा प्राप्त करने के लिए आतुर है बाबा का कहना है कि पैसा रखने वाले स्थान पर दस रुपये के नये नोट की गड्डी रखना चाहिए, भक्त नये नोटों की तलाश में लग गये है।
दूसरी बात बाबा का कहना है कि जेब में नया पर्स रखा करों और किसी से कहते हैं कि नया बेल्ट लगाया करों और मेरी फोटो पैसा रखने के स्थान पर रखो, तुम धनवान बन जाओगे लेकिन बाबा खुले दरबार से कहते हैं कि जो तुम्हारे पास पैसा आयेगा उसमें से दस प्रतिषत मेरे एकाउंट में डालना तभी फायदा होगा। अंधे भक्त बाबा के सभी आदेशों का पालन कर रहे है बड़ी तादाद में फोटो बिक रहीं है, लोग नये-नये पर्स और बेल्ट ले रहे है। क्या किसी की फोटो और नये पर्स बेल्ट लगाने से कोइ धनवान हो सकता है। अध्यात्म गुरु और लाखो भक्तो का आस्था का बिंदु बने निर्मल बाबा आज भले ही गुरु की उपाधि ले लिए है मगर यही निर्मल बाबा की कर्म भूमि झारखंड के गढ़वा जिला से भी जुड़ा हुआ है।
झारखंड के वरिष्ठ राजनेता इंदर सिंह नामधारी वैसे तो निर्मल बाबा के करीबी रिश्तेदार हैं लेकिन उनके कारनामों से जरा भी इत्तेफाक नहीं रखते। मीडिया दरबार से हुई बातचीत में नामधारी ने साफ कहा कि वे निजी तौर पर कई बार उन्हें जनता की भावनाओं से न खेलने की सलाह दे चुके हैं।
नामधारी ने स्वीकार किया कि निर्मल बाबा उनके सगे साले हैं। उन्होंने यह भी माना कि वे शुरुआती दिनों में निर्मल को अपना करीयर संवारने में खासी मदद कर चुके हैं। मीडिया दरबार को उन्होंने बताया कि उनके ससुर यानि निर्मल के पिता एस एस नरूला का काफी पहले देहांत हो चुका है और वे बेसहारा हुए निर्मल की मदद करने के लिए उसे अपने पास ले आए थे। निर्मल को कई छोटे-बड़े धंधों में सफलता नहीं मिली तो वह बाबा बन गया।
लेखक लखनऊ से प्रकाशित हो रहे हिंदी अवधनामा के युवा पत्रकार है, इनसे dheerendraasthana @gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है ।