टीवी न्यूज़ चैनलों की TRP से अब निर्मल बाबा पर भक्तों की वैसी किरपा नहीं रही. पहले स्टार न्यूज़, फिर ज़ी न्यूज़ और उसके बाद आजतक पर निर्मल बाबा के खिलाफ ख़बरें दिखाने के कारण निर्मल बाबा का ग्राफ तेजी से गिर रहा है और साथ में उनपर हो रही धनवर्षा में भी कमी आयी है. इसके अलावा निर्मल बाबा के लिए मुश्किलें भी खड़ी हो गयी है.
झारखंड के अखबार ' प्रभात खबर ' के खुलासे के बाद बताया जा रहा है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर निर्मल बाबा की कमाई पर है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सूत्रों का कहना है कि विभाग उनकी कमाई और रिटर्न की जांच करेगा। अखबार ने दावा किया था कि निर्मल बाबा के दो बैंक खातों में सिर्फ इस साल अब तक 232 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। हालाँकि निर्मल बाबा ने आजतक के इंटरव्यू में खुद अपनी सालाना आय 238 करोड़ के आस-पास बताई है.
निर्मल बाबा को लेकर जैसे - जैसे विवाद बढ़ता जा रहा है भक्तों की ' श्रद्धा ' भी उनमें घटती जा रही है। प्रभात खबर के मुताबिक , निर्मल दरबार के नाम से आईसीआईसीआई बैंक में खुले निर्मल बाबा के खाते ( संख्या 002-905-010-576) में शुक्रवार को सिर्फ 34 लाख जमा किए गए। पहले इस खाते में रोज़ औसतन एक करोड़ रुपये जमा किए जा रहे थे। पहले औसतन चार से साढ़े चार हजार लोग हर रोज निर्मल बाबा के खाते में राशि जमा कर रहे थे। शुक्रवार शाम पांच बजे तक देश भर के 1800 लोगों ने ही बाबा के आईसीआईसीआई बैंक खाते में राशि जमा की है।
बाबा की सफाई पूरे प्रकरण पर पहली बार बाबा ने शुक्रवार को चुप्पी तोड़ी। ' आज तक ' चैनल को दिए इंटरव्यू में निर्मल बाबा ने कहा , ' मेरे यहां किसी तरह की गड़बड़ी नहीं है। मैं चुनौती देता हूं कि किसी अंतरराष्ट्रीय संस्था से मेरे दावों की जांच करवाई जाए। मेरा टर्नओवर 85 करोड़ नहीं , बल्कि सालाना 235-238 करोड़ का है , जिसका मैं टैक्स चुकाता हूं। मैं इन पैसों से एक भव्य मंदिर बनवाना चाहता हूं। मैंने कोई ट्रस्ट नहीं बनाया है। फर्जीवाड़े से बचने के लिए मैं दो अकाउंट रखता हूं। ' निर्मल दरबार ' और ' निर्मलजीत सिंह नरूला ' के नाम चल रहे दो बैंक खाते मेरे हैं। ' नीलम कपूर के नाम पर बने ड्राफ्ट के सवाल पर निर्मल बाबा ने कहा कि नीलम कपूर से मैंने फ्लैट खरीदा था , इसलिए उनके नाम पर ड्राफ्ट बनवाया गया। निर्मलजीत सिंह नरूला से निर्मल बाबा बनने के सवाल पर उन्होंने कहा , ' मुझे निर्मलजीत सिंह नरूला से निर्मल बाबा बनाने में इंदर सिंह नामधारी का हाथ है। उन्होंने मेरी शुरू में मदद की थी। लेकिन बाद में झारखंड में मैं जिस मानसिक उत्पीड़न से गुजरा उसके बाद ही मैं निर्मल बाबा बन गया। ' निर्मल बाबा ने आरोपों के जवाब में कहा , ' मैंने कभी चमत्कार का दावा नहीं किया। मैं इसे कृपा कहता हूं। मैं अंधविश्वसा को तोड़ने वाला माना जाता हूं। यंत्र मंत्र तंत्र के पाखंड में फंसने वालों के खिलाफ हूं। ये कृपा पैसे से खरीदी नहीं जा सकती है। मेरे साथ लोग जुड़ते चले जा रहे हैं। मेरे ऊपर पहली कृपा पटियाला के समाना मंडी में हुई थी। मैं अपनी मां के साथ था। घर की छत गिर गई और मेरी बहने उसमें दब गईं। '