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आजम खान पंचायत के तुगलकी फरमान के साथ, जब मंत्री ऐसा तो.....

Friday, 13 July 2012

लखनऊ| उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आजम खान ने शुक्रवार को एक विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि बागपत में पंचायत ने जो फैसला सुनाया है उसमें कुछ गलत नहीं है। आजाद भारत में सभी को अपनी बात कहने का हक है। लखनऊ में मीडियाकर्मियों से बातचीत में आजम ने कहा, "मैं नहीं समझता कि बागपत में पंचायत ने जो फैसला सुनाया है वह गलत है। पंचायत का यह फैसला फरमान नहीं, बल्कि कुछ लोगों की राय हो सकती है और अपने समाज की बेहतरी के लिए कुछ लोग एक साथ बैठकर राय- मशविरा करते हैं तो इसमें गलत क्या है?" उन्होंने कहा कि पंचायत ने इस तरह का फरमान क्यों सुनाया, इसकी वजह भी जानने की जरूरत है। हो सकता है समाज की बेहतरी के लिए ही ऐसा किया गया हो।
आजम ने कहा, "लोग आजाद भारत में जी रहे हैं और सबको अपनी बात कहने का हक है। अगर उनके इस फैसले से कानून-व्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ता है तो मैं नहीं समझता कि यह गलत है। यदि कानून-व्यवस्था बिगड़ेगी, तब की तब देखी जाएगी।"
जब यह पूछा गया कि पंचायत ने महिलाओं के मोबाइल का उपयोग करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, तो आजम ने कहा, "मैं किसी मोबाइल कम्पनी का एजेंट नहीं हूं। पंचायत ने कोई फैसला लिया है तो सोच-समझकर ही लिया होगा।"
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के आसरा गांव में बुधवार को हुई पंचायत में मुस्लिम बिरादरी के कई लोग शामिल हुए थे। इस दौरान पंचायत ने छेड़खानी की घटनाओं को रोकने के लिए तुगलकी फरमान सुनाते हुए कहा था कि गांव की 40 साल तक की कोई महिला या युवती बाजार नहीं जाएगी और इस उम्र तक की महिलाएं गांव या उससे बाहर मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करेंगी।

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